वाणिज्यिक मंत्रालय का कहना है कि वॉरंटी वाली गाड़ी की बैटरी खराब होने की स्थिति में उसे निर्धारित समय के अंदर तब्दील कराना यूजर का अधिकार होता है बैटरी के परिवर्तन में दो स्थितियों पर यूजर को यह अधिकार हासिल है कि वह दूसरी बार की वारंटी की डिमांड कर सकता है।
अजिल न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए निर्देशों के हवाले से बताया गया है कि कानून के मुताबिक अगर गाड़ी की बैट्री की वारंटी अवधि के निर्धारित कंपनी या संस्थान परिवर्तित करने में देरी करे तो यूजर को यह अधिकार होता है कि वह दुकानदारी एजेंसी से दूसरी नई वारंटी की डिमांड कर सकता है।
वाणिज्यिक मंत्रालय के द्वारा बैटरी कि नई वारंटी के हवाले से आगे कहा गया कि एजेंसी की तरफ से पार्ट्स के परिवर्तन या इसे प्रदान करने में देरी होने की स्थिति में भी यूजर को अधिकार होता है कि वह दोबारा से प्रदान की जाने वाली बैटरी की नई वैरायटी की डिमांड कर सकता है।
खयाल रहे कि वाणिज्य कानून के तहत उत्पादों के लिए यूजर को गाड़ी दी जाती है जिसके मुताबिक निर्धारित अवधि जो के विभिन्न उत्पादों की अलग अलग होती है के दौरान खराबी की स्थिति में एजेंसी की जिम्मेदारी होती है कि वह निर्धारित समय के अंदर उसकी सुधार और मरम्मत प्रदान करे।
गाड़ियों की बैटरी के हवाले से कानून के तहत बैटरी की वारंटी 1 साल की होती है इस हवाले से कुछ यूज़र की तरफ से वाणिज्य मंत्रालय को शिकायत की गई थी कि संबंधित एजेंसी जिसकी वॉरंटी है कि तरफ से दूसरी बैटरी प्रदान करने में काफी देरी की जा रही है।