पर्यावरण मंत्रालय और जल और कृषि मंत्रालय के द्वारा एक बयान जारी करते हुए बताया गया है कि अल अकीक नाम का एक परिंदा जिसका शि कार करना मना है इसका उल्लंघन करने वालों पर एक लाख रियाल का जुर्माना लगाया जाएगा।
आजिल न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से ट्विटर पर जारी किए गए बयान में बताया गया है कि असीर इलाके में पाए जाने वाला अल अकीक परिंदा पूरी दुनिया भर में नायाब माना जा रहा है।
बताया गया है कि इसके केवल 100 जोड़े ही असीर के इलाके में बाकी बचे हुए हैं अल अकीक की नस्ल की सुरक्षा के लिए इनके शि कार पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी गई है।
अल अकिक नाम का परिंदा मध्यम आकार का होता है और यह बेहद दिमागदार भी होता है इसकी आवाज बहुत सुरीली होती है जो लोगों को अपनी और आकर्षित कर देती है।
इस परिंदे के ऊपर गहरे काले रंग और सफेद रंग की धारियां होती हैं इनकी जांच बेहद नुकीली और छोटी सी होती है। इन परिंदों को दूर से देखने पर ऐसा मालूम पड़ता है कि उनके पर फिरोजी रंग के हैं परिंदे का घोंसला गुंबद के आकार के जैसा होता है।
यह परिंदा अरार या अकासिया के पेड़ों पर होते हैं अपने घोसले 4 से 7 मीटर की ऊंचाई पर बनाते हैं। असीर का कोहिस्तानी इलाका इस तरह के परिंदों का देश माना जाता है। यहां विभिन्न प्रकार के दुर्लभ और नायाब परिंदे और जानवर पाए जाते हैं इस परिंदे का वजन करीब 240 ग्राम के आसपास होता है और इनकी लंबाई 46 सेंटीमीटर होती हैं।