रमजान के महीने की शुरुआत की शुरुवात हो चुकी है और इसके के साथ ही अन्य मुस्लिम देशों की तरह दक्षिण एशिया में भी सेहरी और इफ्तार के लिए दुकाने सज चुकी है और आस पास के चहल-पहल है, जब सड़कों और बाजारों में खाने की महक और हर दुकानों पर भीड़ का ताता लगा हुआ है ऐसी रौनक लगभग २ सालो बात बाजारों में देखने को मिल रही है
बांग्लादेश का सदियों पुराना ‘चौक बाजार’ बाजार , खासकर रमजान के दौरान, जहां वे हर शाम सभी रोजेदार सामान और फल खजूर मिठाईया सैकड़ों खाने-पीने की दुकानों पर खरीददारी करते है
“पिछले दो साल (कोरोना के कारण) बहुत दर्दनाक रहे हैं।” क्योकि सभी रमजान के दौरान भी सभी देशों में पाबंदियों का पालन करना पड़ रहा था
एक व्यवसायी मोहम्मद अशरफुद्दीन ने कहा, “चौक बाजार में मिले इफ्तार के सामान के बिना रमजान पूरा नहीं होता है।”
एक बार फिर लोग सामूहिक सेहरी और इफ्तार करते नजर आ रहे हैं, वहीं मस्जिदों और बाजारों में भीड़ है. उन जगहों पर मेज़पोश हैं जहाँ गरीब लोग मुफ्त में अपना उपवास तोड़ सकते हैं।
वही भारत में भी इस साल रोजेदार और बाजार दोनों के चेहरों पर चमक देखि जा रही है दुकान दार से लेकर बच्चे बूढ़े महिलाये सभी बेहद हर्षो उल्लसित है।