अफगानिस्तान में मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध लग जाने की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाराजगी जताई है, वहीं कुछ के सदस्य भी इस फैसले से हैरान और नाराज है
फ्रांसीसी समाचार एजेंसी के रिपोर्ट के अनुसार, विशेषज्ञों का कहना है कि तालिबान द्वारा मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध से पता चलता है कि आंदोलन के अति-रूढ़िवादियों मान्यताओं के मानने वालो का निंयत्रण है
ता;लिबान के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया, “यह आदेश विनाशकारी था।” और इसके बारे में तालि.बान के सदस्यों के बिच बाते चल रही है
मुस्लिम लड़कियों के माध्यमिक विद्यालयों को पिछले साल मार्च में बंद करने का आदेश दिया गया था।
ता.लिबान के सत्ता में आने के बाद लगभग सात महीनों में पहली बार ता.लिबान प्रशासन ने मुस्लिम लड़कियों के हाई स्कूल खुलने के कुछ ही घंटों बाद उन्हें बंद कर दिया।
पिछले साल अगस्त में जब ता.लिबान ने देश पर कब्जा किया था, तब कोरोना म’हामा’री के कारण स्कूल बंद थे, लेकिन दो महीने बाद केवल लड़को को ही स्कूल जाने के आदेश जारी किया गया है