बच्चों की अच्छी परवरिश हर कोई करना चाहता है। हर कोई यह ख्वाहिश रखता है कि उसका बच्चा बड़ा होकर एक कामयाब इंसान बने लेकिन कई बार अनजाने में ही खुद हमसे ऐसी गलतियां हो जाती हैं जिसका असर बच्चों पर पड़ जाता है, आइए जानते हैं
अगर आप अपने बच्चे से हर वक्त यह कहते रहेंगे कि उनको देखो उनका बच्चा भी आपके उम्र का है लेकिन उसका बात व्यवहार इतना अच्छा है वह पढ़ाई में आप से कितना आगे है। वह दिमाग का कितना तेज है उसे कितना कुछ आता है यह सब आप अपने बच्चे को भी आगे बढ़ाने के लिए कहते हैं लेकिन दरअसल आपका बच्चा अपने अंदर से विश्वास खो देता है बच्चों को उनकी कमजोरी महसूस करा कर आप उन्हें कमजोर बना देते हैं आपको करना यह चाहिए कि आपके बच्चे के अंदर जो भी कमी है उसे बैठा कर समझाएं उसकी मदद करें आगे बढ़ने में।
कई बार मां बाप अपने बच्चे को बेहद छोटा और मासूम समझ कर उनके ऊपर हल्के फुल्के काम के जिम्मेदारियों का बोझ भी नहीं डालते हैं उन्हें सिर्फ पढ़ाई करने दिया जाता है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों को हल्के-फुल्के काम देना चाहिए उन्हें जिम्मेदारियों की समझ शुरू से ही होनी चाहिए जो कि आगे चलकर और मजबूत हो जाएगी।
अगर आपका बच्चा कोई नई चीज आजमाना जो सीखना चाहता है तो उसे बेशक आजादी देनी चाहिए बच्चों को ज्यादा रोकना टोकना और ज्यादा सवाल नहीं करना चाहिए बल्कि वह जो भी करना चाहता है उसमें उसे प्रोत्साहन देना चाहिए।
कुछ मां-बाप बच्चों को सही चीज सिखाने और बताने के लिए उन पर चीखना चिल्लाना और उन्हें धमकाना वगैरा करते हैं लेकिन इससे बच्चों के अंदर डर पैदा हो जाता है मानसिक तौर पर उसके दिमाग में डर बैठ जाता है बच्चों को हमेशा प्यार से समझाना चाहिए।
कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो बच्चों को बेहद ज्यादा लाड प्यार करते हैं और उनकी गलतियों को हमेशा नजरअंदाज करते रहते हैं। ऐसा करना उस बच्चे के लिए आगे चलकर मुसीबत बन सकती है। अपने बच्चों को हमेशा गलत काम करने पर रोकना चाहिए और अच्छे काम करने पर शाबाशी देना चाहिए ताकि उसके अंदर शुरू से ही गलत और सही की समझ बैठ सके।
कुछ मां बाप अपने बच्चों के सामने लड़ाई झगड़े करते हैं छोटी-छोटी बातों पर लड़ना उनके लिए आम बात होती है कई बार तो पति अपने पत्नी के ऊपर बच्चों के सामने हाथ तक उठा देते हैं इससे बच्चों की मानसिक स्थिति पर प्रभाव पड़ता है ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए।