पेट्रा, जॉर्डन के दक्षिण पश्चिमी रेगिस्तान में एक बेहद मशहूर पुरातत्व की जगह है जहां पर अपने ऊँटो की देखभाल करते हुए लोग बहुत खुश दिखाई देते हैं क्योंकि इस जगह पर अब पर्यटक वापस आ चुके हैं।
न्यूज़ एजेंसी एएफ़पी की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी में “गुलाब शहर” को “भूत शहर” में बदल दिया था।
यहां पर रहने वाले 7 बच्चों के बाप जिनका नाम हुसैन है अपने काम पर वापस आ चुके हैं और पर्यटकों को अपने सजे हुए जानवरों पर सवारी कराने के लिए बेहद एक्साइटिड नजर आए। 35 साल की उम्र के हुसैन ने बताया कि पर्यटन लौट आया है और पर्यटकों की तादाद भी काफी अच्छी नजर आ रही है।
उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के समय हमने पेटरा में किसी भी पर्यटक को नहीं देखा वह समय एक आफत था। क्योंकि पेटरा के 90% लोग पर्यटन पर ही अपना गुजारा करते हैं।
ध्यान रहे कि जॉर्डन में 2022 में समग्र रूप से 4.6 मिलियन पर्यटकों का स्वागत किया है जो कि 2020 के मुकाबले में लगभग 4 गुना ज्यादा है। जिससे उसे लगभग 5.3 बिलीयन डॉलर की आमदनी हुई है।
जॉर्डन के पर्यटन अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि पेटरा कारोबार में वापस आ चुका है और पिछले साल लगभग 9 लाख पर्यटकों ने पेटरा के तरफ अपना रुख किया था।
पेट्रा में लगभग 1 हज़ार 700 लोग टूर गाइड, ट्रंकिट बेचने वाले या गधे घोड़े और बकरी बग्घी पर पर्यटकों को साइट पर ले जाकर अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं।