कई बार ऐसा देखा जाता है कि लोगों को जब स्मार्टफोन को खरीदने की जरूरत पड़ती है या वह लैपटॉप लेने की सोचते हैं तो कई बार एक अच्छे ब्रांड के लैपटॉप या स्मार्टफोन काफी ज्यादा महंगे पड़ते हैं और इसके दाम को सुनने के बाद लोगों के मन में यह विचार आने लगता है कि क्यों ना इसे सेकंड हैंड खरीद लिया जाए।
कई बार ऐसा भी होता है कि हम एक नया डिवाइस खरीदने के लिए मार्केट में पहुंचते हैं और इसकी कीमत जानने के बाद लोग हमें इस्तेमाल किया गया डिवाइस खरीदने की सलाह देने लगते हैं। लेकिन क्या यह सही है ?
इस्तेमाल किए गए पुराने डिवाइस को मरम्मत करके उनमें जरूरी सामान को बदल कर नया कर दिया जाता है और फिर उन्हें बाजार में बेचा जाता है ऐसा खासकर मोबाइल फोन और लैपटॉप के साथ किया जाता है। यह डिवाइस कई बार देखने में सेकंड हैंड इस्तेमाल किए गए नजर आते हैं अगर ऐसा ना भी हो तो थोड़ा सा ध्यान देने पर नए डिवाइस और उनके फर्क की पहचान की जा सकती है।
इन डिवाइसों की जरूरी मरम्मत को पूरा कर दिया जाता है और उनके अंदर जो भी खराबी होती है या जो भी पार्ट्स पुराने हो जाते हैं उनको नया कर दिया जाता है।
ख्याल रखें कि अगर आप इस्तेमाल किए गए डिवाइस खरीदना भी चाहते हैं तो केवल उन्हीं जगह से खरीदे जहां आपको विश्वास हो वरना आपको नुकसान सहन करना पड़ सकता है। इस तरह के डिवाइस में लोग अक्सर सस्ते पार्ट्स लगा देते हैं और इनकी कोई वारंटी भी नहीं दी जाती है।
ऐसा नहीं है कि इस तरह के डिवाइस कभी खरीदना ही नहीं चाहिए पैसों की किल्लत और जरूरत को देखते हुए भरोसेमंद जगह से इसे खरीदा जा सकता है।