सन 1959 की बात है जब पश्चिमी पाकिस्तान के लेखको ने पूर्वी पाकिस्तान जो कि मौजूदा समय में बांग्लादेश है का दौरा किया उनमें से कुछ ने अपने सफर के बारे में बताया कि एक जाने-माने बंगाली शायर जिनका नाम जसीमुद्दीन था उन्होंने अपने घर पर मेहमानों को बुलाया और नाच गाने की भी व्यवस्था की।
जब महफिल सजी तो उन्होंने झरना का तआरुफ़ करवाया और बताया कि वह दसवीं की छात्रा है और नृत्य में कमाल का हुनर रखती है। उस दुबले-पतले सांवली सी लड़की ने महफिल में आकर अदब के साथ सबको सलाम किया तीखे नैन नक्श, काली आंखें और लंबे काले बाल झरना के नृत्य ने हर किसी का मन मोह लिया।
उन्होंने बताया कि झरना बुलबुल एकेडमी में प्रशिक्षण ले रही थी मगर उसने ऐसा नृत्य दिखाया कि हर कोई उसका कायल हो गया था। जब हम महफ़िल से लौटने लगे थे तो महफिल में से एक ने झरना के साथ शादी करने का ऐलान तक कर दिया था।
फारिग बुखारी ने “अदीब लतीफ” किश्तवार बंगाल का सफरनामा लिखा तो उन्होंने उस में जिक्र किया कि वह झरना के सबसे बड़े आशिक हैं। उन्होंने कहा कि वो झरना से शादी करने के लिए इस कदर बेकरार हैं कि उन्होंने शादी का कार्ड तक छपवाने की बात कह डाली है इस बात पर मुनीर नियाजी ने कहा कि तुम सब क्या बकवास करते हो झरना तो मुझसे मोहब्बत करती है उसकी आंखें सिर्फ मुझे ही देखती हैं और अब मैं हमेशा के लिए यही रहना चाहता हूं।
झरना जाने-माने बंगाली डांसर बुलबुल चौधरी के नाम से चल रहे बुलबुल एकेडमी में प्रशिक्षण ले रही थी। मुनीर नियाजी द्वारा इस एकेडमी का दौरा करने के बाद अपनी स्थिति को कुछ इस अंदाज में बयान किया है “बुलबुल एकेडमी की इमारत को देखकर ही एक अजीब सी कैफियत हो जाती है एक पुराना सा महल जिसमें ढाका के अच्छे घराने से संबंध रखने वाली लड़कियां नृत्य और गाने का प्रशिक्षण लेती हैं कहीं झरना तो कहीं रोजी नृत्य करके पसीने पसीने हो रही है तो कहीं नैना अपनी आवाज का जादू बिखेर रही है।”
झरना के नृत्य को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते थे और यहां भारी मात्रा में भीड़ इकट्ठी होती थी सिर्फ झरना को देखने के लिए।
ना सिर्फ नौजवान बल्कि हर उम्र के लोग उस पर जान लुटाते थे, एक लेखक उसके बारे में बताते हैं की झरना तो बिल्कुल कयामत है कयामत। उन्होंने कहा कि जैसे बंगाली नामो में उसका नाम बिल्कुल ही अलग था इसी तरह वह खुद भी बेहद दिलफ़रेब और निहायत खूबसूरत लड़की थी पर जब वह नृत्य करने लगती हैं तो यूं लगता जैसे मानो सचमुच किसी खूबसूरत सी पहाड़ी से कोई झरना फुटकर बहने लगा हो नरम साफ ठंडे पानी का कोमल झरना।
सन 2012 में उन्हें पाकिस्तान सरकार के द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था। उन्होंने खुशी से यह बात कही कि हैरत की बात यह है कि आज की नौजवान नस्ल भी उन्हें पहचानती है, इसके बाद सन 2019 में फिल्म अवार्ड के द्वारा भी उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया था।