ट्यूनीशिया में प्रधानमंत्री को हटाने और पार्लियामेंट्री को 30 दिनों के लिए निलंबित कर देने वाले राष्ट्रपति
कैस सईद ने पार्लियामेंट की सबसे बड़ी पार्टी अल नेहदा की तरफ से उठाए गए कदम को बगावत का नाम देने से खारिज कर दिया है।
अरब न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति के द्वारा इस्लाम पसंद पार्टी अल नेहदा के साथ कई महीनों के डेड लॉक और
विरोध के बाद असहमत होने के तहत इमरजेंसी पावर का इस्तेमाल किया गया है।
कैस सईद के द्वारा हुकूमत की तरफ से कोरोना महामारी से निपटने के मामले को लेकर होने वाले विरोध के बाद यह ऐलान किया गया था
उन्होंने ट्यूनीशिया शासन और ट्यूनीशिया की जनता को बचाने के लिए जरूरी फ़ैसले किए हैं।
राष्ट्रपति के द्वारा रक्षा मंत्री इब्राहिम बरताजी और कार्यवाहक हसन सुलेमान को हटाते हुए रात के 7:00 बजे से लेकर सुबह के 6:00 बजे तक कर्फ्यू का ऐलान कर दिया गया था।
सऊदी अरब के विदेश मंत्री शहजादा फैसल बिन फरहान के द्वारा फोन पर अपने ट्यूनीशिया समकक्ष से बात की गई है। उन्होंने इस बारे में कहा है कि देश ने ट्यूनीशिया में सेक्युरिटी और सुरक्षा स्थिरता के लिए किसी भी पहल का समर्थन किया गया है।