ऐसे तो हमारा समाज हमेशा से ही रूढ़िवादी परम्पराओ को मानते हुए आये है लेकिन कुछ ऐसे व्यक्ति होये है जो खास तौर पर जब कभी कोई महिला लड़की जब समाज में काम या नौकरी पर निकलती है
तो उसे अनगिनित टिप्पड़ियो का सामना करना पड़ता है और अगर बात मुस्लिम समुदाय की आयी तो मुस्लिम लड़कियों के लिए तो और भी परेशानी का सबब बन जाता है
बात हाल की है जब एक मुलिस्म लड़की पेट्रोल पंप पर अपने रोजगार के लिए कम् कर रही। लोगो द्वारा सवाल उठाये जा रहे है गैस स्टेशन पर युवा लड़कियों को क्या चाहिए? क्या हमारा समाज इसके लिए सक्षम है? समाज इस स्टीरियोटाइप से कब बाहर आएगा? ये सवाल
सोशल मीडिया पर तब शुरू हुए जब एक पेट्रोल पंप पर कारों में पेट्रोल भरती एक मुस्लिम लड़की की तस्वीर वायरल हुई।
जहां कहीं भी घर से बाहर काम करने वाली महिलाओं की बात होती है, वह लंबी बहस का रूप ले लेती है लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंचती।
वहीं कुछ लोगों का मानना है कि महिलाओं को घर से बाहर ज्यादा मेहनत नहीं करनी चाहिए।
ट्विटर यूजर नसीम अकरम पेट्रोल पंप पर काम करने वाली एक लड़की के बारे में लिखते हैं: “युवा लड़कियों को पेट्रोल पंप पर क्या चाहिए? हम जिस तरह के सामाजिक ढांचे में रहते हैं, उसे इस साहसिक कार्य के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ती है।
सिकंदर अली हेलियो लड़की का हौसला बढ़ाते हुए कहते हैं, ”मैंने लड़की को पेट्रोल पंप पर काम करते देखा. वह उन महिलाओं में से एक हैं जो पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति को चुनौती दे रही हैं और रूढ़ियों को बदल रही हैं।
उन्होंने कहा, “हमने महिलाओं को घर के कामों तक सीमित कर दिया है।” उनकी मेहनत के बावजूद उनके काम की कोई गिनती नहीं है।