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हिजाब पहन कर चल पड़ी काम पर इस मुस्लिम लड़की ने दिया सभी लड़को को चुनौती ,तोड़ी रूढ़िवादी परम्परा
ऐसे तो हमारा समाज हमेशा से ही रूढ़िवादी परम्पराओ को मानते हुए आये है लेकिन कुछ ऐसे व्यक्ति होये है जो खास तौर पर जब कभी कोई महिला लड़की जब समाज में काम या नौकरी पर निकलती है
तो उसे अनगिनित टिप्पड़ियो का सामना करना पड़ता है और अगर बात मुस्लिम समुदाय की आयी तो मुस्लिम लड़कियों के लिए तो और भी परेशानी का सबब बन जाता है
More power to this #Girl – seen working at a #petrol pump.
She’s one of those #women who’re changing stereotypes by challenging the status quo in Pakistan, limited only to indoor or supportive roles, and is hardly counted despite their equal work effort and load in our country. pic.twitter.com/43wkB9973n
— Sikandar Ali Hullio (@HullioSikandar) July 2, 2022
बात हाल की है जब एक मुलिस्म लड़की पेट्रोल पंप पर अपने रोजगार के लिए कम् कर रही। लोगो द्वारा सवाल उठाये जा रहे है गैस स्टेशन पर युवा लड़कियों को क्या चाहिए? क्या हमारा समाज इसके लिए सक्षम है? समाज इस स्टीरियोटाइप से कब बाहर आएगा? ये सवाल
सोशल मीडिया पर तब शुरू हुए जब एक पेट्रोल पंप पर कारों में पेट्रोल भरती एक मुस्लिम लड़की की तस्वीर वायरल हुई।
जहां कहीं भी घर से बाहर काम करने वाली महिलाओं की बात होती है, वह लंबी बहस का रूप ले लेती है लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंचती।
These girls are serving in a petrol pump, In this hot weather and where there is always a crowd of men. It might be an unsatisfactory environment for girls. Covering her face the whole day is not an easy task. #salute #womenempowerment #PSO pic.twitter.com/dTEgRKQ6rz
— Zara Malik Sher (@Zarafa310) July 3, 2022
वहीं कुछ लोगों का मानना है कि महिलाओं को घर से बाहर ज्यादा मेहनत नहीं करनी चाहिए।
ट्विटर यूजर नसीम अकरम पेट्रोल पंप पर काम करने वाली एक लड़की के बारे में लिखते हैं: “युवा लड़कियों को पेट्रोल पंप पर क्या चाहिए? हम जिस तरह के सामाजिक ढांचे में रहते हैं, उसे इस साहसिक कार्य के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ती है।
सिकंदर अली हेलियो लड़की का हौसला बढ़ाते हुए कहते हैं, ”मैंने लड़की को पेट्रोल पंप पर काम करते देखा. वह उन महिलाओं में से एक हैं जो पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति को चुनौती दे रही हैं और रूढ़ियों को बदल रही हैं।
उन्होंने कहा, “हमने महिलाओं को घर के कामों तक सीमित कर दिया है।” उनकी मेहनत के बावजूद उनके काम की कोई गिनती नहीं है।
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