INDIA
सऊदी अरब की महिलाओ से गैर सऊदी कर सकते है निकाह ,मगर इन कानून और नियमो का करना होगा पालन
सऊदी अरब में सौदियो और गैर सौदियो मतलब प्रवासी के लिए सऊदी में निकाह करने का कनून दोनों ही अलग अलग है पहले रजिस्ट्रेशन कोर्ट में होता है फिर जज के सामने इसकी स्वीकृति करनी पड़ती है
निकाहनामा में सभी नियम और शर्तें भी निकाह रजिस्ट्रार द्वारा दर्ज की जाती हैं जिन्हें काजी के नाम से भी जाना जाता है।
सौदियो की शादी
सऊदी के नागरिको के लिए निकाह करने के कुछ मूल भूत आधार है जिसे करना अनिवार्य है जैसे की आपसी सहमति और चिकित्सा परिक्षण जो की सरकारी शर्त है जो की आवश्यक है जिसके बिना निकाह नहीं हो सकता
चिकित्सा परीक्षण में, यह पुष्टि की जाती है कि विवाहित जोड़े को कोई वंशानुगत बीमारी नहीं है जो उनकी पीढ़ी या विकलांग बच्चों के जन्म में बीमारियों का कारण बन सकती है।
जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ‘कटाबा अदल’ (जहाँ निकाह किया जाता है) का हवाला देकर विवाह की तिथि ज्ञात की जाती है। निकाह के आधिकारिक रूप से पंजीकृत होने के बाद, निकाह की तैयारी शुरू हो जाती है।
विदेशियों /गैर सौदियो के लिए निकाह कानून
अरब देशो में लाखो लोग विदेशो जैसे भारत पाकिस्तान अन्य देशो से आकर अरब में काम करते है और वहा बस जाते है इस बिच कभी कभी वह किसी सऊदी महिला से निकाह भी करना चाहते है
विदेशियों के लिए मैरिज रजिस्ट्रार के ऑफिस में जाकर शादी करनी होती है, जिसके लिए पहले से अपॉइंटमेंट लिया जाता है। लड़की के पिता और लड़के ने निकाह के लिए आवेदन किया है।
विवाह के दिन अभिभावक अर्थात महिला के घर से उसके परिवार वालो का होना आवश्यक होता है और उसी की उपस्थिति में निकाह प्रमाण पत्र में दोनों पक्षों की शर्तों को दर्ज किया जाता है। अगर लड़की के पिता नहीं हैं, तो प्रमाणित प्रमाण प्रस्तुत करना आवश्यक है।
उसके बाद दूतावास से भी रजिस्ट्रेशन करना होता है जिससे दूतावास और बाद में विदेश मंत्रालय द्वारा निकाहनामा प्रमाणित होने के बाद लोगों के लिए इकामा को संसोधित करना होता है , लेकिन यह सुविधा बंद फिलहाल के लिए कर दी गई है।
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