सऊदी अरब में बाइंडिंग के क्षेत्र में सऊदी अरब के जाने-माने कारीगर के द्वारा अपनी नई नस्ल को यह पैगाम देते हुए कहा है कि पुराने जमाने की महारत को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है
और हाथों से बनाई जाने वाली बेहद खास प्रकार की पारंपरिक चप्पलों के डिजाइन करने में सब को आगे आना चाहिए ताकि यह हुनर आगे चलकर खत्म ना हो जाए।
सऊदी अरब में अरब न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पारंपरिक अरबी चप्पल हाथों से बनाई जाती है इस खास चप्पल को बनाने वाले कारीगर 70 सालों से खास किस्म के अरबी चप्पल बनाते आ रहे हैं
सऊदी अरब के एक कारीगर जो कि 86 साल के हैं और उनका नाम युसूफ हुसैन अल अबु हुसैन है ने अरब न्यूज़ के साथ बातचीत की
और बताया कि मैंने अपने बचपन के दिनों में इस हुनर को अपने पिता से सीखा था।
अल हेसा में एक एक ऐतिहासिक बाजार सोकुल केसरिया में अनुभवी बाइंडिंग करने वाले ने बताया कि इस विशेष चप्पल को बनाने में उन्हें एक खास महारत हासिल है। हुसैन ने बताया कि यह दस्तकारी हमारे विरासत से मिली है
और हम इसे हमेशा जिंदा रखना चाहते हैं हम इसमें कड़ी मेहनत करेंगे और इसे आगे तक ले जाएंगे
अगर कोई भी व्यक्ति इस काम में मेहनत और लगन के साथ करें तो वह अपने और अपने परिवार के लिए एक बेहतर जिंदगी गुजार सकता है।
वहीं दूसरी तरफ उनको यह भी अंदेशा हो रहा है कि अगर यह हुनर आगे वाली नस्ल तक नहीं पहुंचाया गया तो इसे सुरक्षित नहीं किया जा सकता और यह हुनर खत्म हो जाएगी।